Tuesday, December 8, 2009
Friday, October 2, 2009
Friday, September 4, 2009
Thursday, August 20, 2009
क्या अच्छा , क्या बुरा, क्या हिसाब करना ..!!
हम जो करते हैं...मर्ज़ी है खुदा की ही...
क्या छुपा है उस से..क्या हिजाब करना...!!
ये जरुरी नहीं की हर सवाल लाजिमी हो...
हर सवाल का क्या जवाब करना ...!!
इतनी बेदिली में भी ..जो मस्त जीये चले जातें हैं...
मेरे इस तकमील पर... कोई खिताब करना ...
बेरुखी इतनी, अच्छी नहीं..किसी सूरत-ए-हाल में ...
इतना तो मरासिम रखना, की आदाब करना...!!!
जो मुमकिन हो.. तो मत कर, इन लहरों से दिल्लगी 'साहिल'
जो खुद हों बेताब, उन्हें और क्या बेताब करना..!!
(हिजाब: veil; तकमील: achievement; खिताब: to give some name in honour;
मरासिम: relationship; आदाब: to greet)
Sunday, July 12, 2009
Friday, July 3, 2009
क्या गरज उसे पड़ी... वो क्यूँ हमपे एतबार करे...?हम जो दीवाने हैं... तो हैं... वोह क्यूँ हमसे प्यार करे...?ख्वाहिश है पाने की... इसे, उसी चेहरे को...ख्वाबों में जिसका... ये दीदार करे....!!!
इस दिल-ए-नादान के... शौक भी हद हैं...कोई इस दिल-ए-नादान का.. कुछ तो .. मेरे यार करे...!!!एक हुजूम है.. दिवानो का ... मुन्तजिर में उसके ...क्या बड़ी बात.. जो हम जाँ निसार करें..?कभी तो टूटता दिखता है.. बाँध मेरे सब्र का...आखिर कब तक... कोई किसी का... इंतजार करे..........!!!और, जबकि मालूम है तुझे.. दूरियां.. चाँद सितारों की 'साहिल'...जिद उसे छूने की..... फिर क्यूँ ...बार बार करे...?
Saturday, June 20, 2009
हमने छोड़ दिया है अब... भला करना...!!!
उसका तस्सवुर ही तो सहारा है...जीने के लिए...
क्यूँ भूल जाता है उससे मुब्तिला करना..!!!
वो अगर नहीं करता ...तो तू ही सही...
मिले जब भी वो..उसी जज्बे से मिला करना..!!!
तेरे इश्क को भी होना है आबाद एक दिन....
जंग जो चलती है ..तो चलने दे ...जेहन -ओ -दिल की...
"साहिल"... तू अपने दिल से ही फैसला करना...!!!
Sunday, May 31, 2009
वो जब भी मिला ..एक फासला रहा..
मुझको उससे... बस यही गिला रहा..
कर पाते जो शिकायत हम .. उससे ..उसी की
तमाम उम्र मैंने मानी है..उसकी हर शर्तें ..
मुझको मंजूर ..उसका हर फैसला रहा...!!!
उसके आने पर खुलूस सी..उसके जाने पर खलिश ..
मेरी जिंदगी का बस यही सिल-सिला रहा...!!!
वो मिला तो था,एक हमसफ़र कि तरह..राह-ए-जिंदगी में ...
अब संग मेरे...फ़कत यादों का काफिला रहा..!!!
मेरे गम का ,मेरी ख़ुशी से मरासिम क्या कहिये ..
जैसे पानी में कोई बुलबुला रहा..!!!!
Wednesday, April 8, 2009
Wednesday, April 1, 2009
Thursday, March 12, 2009
Thursday, March 5, 2009
Gulzar: Garden; Gul-Afsaani: To scatter flower;
Noor-e-Ruksan: glow of the face ; Ufaq: Horizon;
hubaab: Bubbles/Drops;
Angdaai: ; Kaif: sm thing which can hypnotise, or intoxicate; Kashish: Attraction/Luring ; Shevaa-e-Taslim: style of greeting; Azeem-o-nafees:Grand and Excellent;
Sheereen: Sweet; Mukhtalif: of different type/ not common; Nikhat-e-jism: The fragrance of the body; Zehen-Mind/thought; waaez- a wise/religious man; harf-ba-harf: word by word/Literally )
Sunday, February 15, 2009
Saturday, January 3, 2009
ऐ .. काश की तवक्को से अपनी भी तकदीर तो मिले …
चस्म -ए -तसव्वुर से देखे गए ख्वाबों की कुछ ताबीर तो मिले …!!!
यूँ जो फिरते हैं बेकल -बेकल , हर शाम -ओ -सुबह …
हम खुद ही संभल जायेंगे ,... कोई बशीर तो मिले …!!!
वो कुछ लोग , जो जान लेते हैं , मुक्कद्दर सब का ….
हमें भी इंतजार है ,….. कोई ऐसा फ़कीर तो मिले …..!!!
फिर से आ जायेंगे हमें खुश रहने के आदाब …..
कैद -ए -आजार से निजात की .... कोई तफसीर तो मिले ….!!!
मुख्तसर खुद -बी - खुद हो जाएगा अपना भी राह -ए - सफ़र …..
तबियत जिसकी मिलती हो हमसे ….कोई ऐसा राहगीर तो मिले ….!!!
(Tawaqqo- expectations, Chasm-e-Tasawwur: eyes of imagination, Taabeer- out come of the dream, Bekal- uneasy/restless, Basheer – a messenger of good news, Aadab- ways/manners, kaid-prison, aazar-difficulties, Tafseer- keys, Mukhtasar-shortend)
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