my first hand in urdu......
दीद -ए -ख्वाब भी गर हो तो उन्हें सलाम करते हैं ..
बयान -ए -लफ्ज़ नहीं , जितना की , उनका एहतराम करते हैं ....!!!
गुफ्तगू यूँ तो होती नहीं बजाहिर उनसे .....
हम तस्सवुर में ही उनसे , बातें तमाम करते हैं ....!!!
तसव्वुफ़ कुछ तो है उसकी शख्सियत में जरुर ...
विसाल -ए -तमन्ना जो , ख़ास -ओ -आम करते हैं ..!!!
सुना है , उसकी पसंद भी है , कुछ जुदा जुदा सी ...
हम भी अब , मुख्तलिफ सारा काम करते हैं ....!!!
शायद वो इख्तियार कर भी ले , इस उम्मीद -ओ -बीम में हम .....
दुआ, सजदा, बंदगी, न जाने क्या क्या एहतमाम करते हैं ...!!!
ज़िन्दगी उसी के ख्यालों से है मुनव्वर अपनी ....
हम उसके नाम अपना ये कलम करते हैं ...!!!
ehatram- Regard/Respect , bazahir-face to face , tasswur- thinking/imagination , tasawwuf- mystical , wisaal- to meet/friendship, mukhtalif- away from league , ehatmam- arrangement/plans, munawwar- happiness/lightned